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16 वर्ष की धाकड़ पहलवान, देश ही नहीं, विदेश में धाक

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नई दिल्लीरोहतक के मदीना गांव के राजेंद्र मलिक कभी पहलवानी किया करते थे। इसमें बहुत बड़ा नाम नहीं बना सके। फिर एक चीनी मिल में नौकरी करने लगे। बेटी सोनम जब 12 साल की थी तब खेल-खेल में ही एक दिन एक अखाड़े पहुंच गई। वहां कोच सूबेदार अजमेर मलिक ने उसकी प्रतिभा को देखते हुए उसे सपॉर्ट किया। सोनम के घरवालों को उसे अकैडमी भेजने के लिए राजी कर लिया। यहीं से सोनम की प्रतिभा को नई दिशा मिली। कुछ ही दिनों की ट्रेनिंग के बाद ही वह जिला, राज्य के बाद देश और विदेश तक में अपने आयु वर्ग की प्रतियोगिताओं में धाक जमा ली। आज सोनम शायद ही किसी टूर्नमेंट सो खाली हाथ लौटती है। प्रोफाइल उम्र: 16 साल कॉलेज: जाट कॉलेज, रोहतक रोल मॉडल: सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, साक्षी मलिक कैसे बनीं पहवान? सोनम बताती हैं- मेरे पापा खुद पहलवान रहे हैं। मुझे अपने गांव और आसपास भी रेसलिंग का ही माहौल मिला। मेरा चचेरा भाई दंगल लड़ता था। मैं उसके साथ दंगल देखने जाया करती थी। यहीं से मेरे अंदर रेसलिंग करने की इच्छा जागी। इस खेल के अलावा किसी दूसरे खेल के बारे में कभी सोचा ही नहीं। साक्षी मलिक को ओलिंपिक में मेडल जीतते देखा तो मेरा मनोबल और बढ़ गया। अब मैं भी देश के लिए ओलिंपिक मेडल जीतना चाहती हूं। कोच की रायकोच सूबेदार अजमेर मलिक कहते हैं, 'सोनम रोजाना उम्मीद से कहीं ज्यादा मेहनत करती है। वह अखाड़े को ही अपना मंदिर मानती है। कम उम्र में उसकी ढेर सारी उपलब्धियां इस बात की संकेत हैं कि वह सीनियर लेवल पर भी देश का नाम रोशन करेगी। ट्रेनिंग शेड्यूलरोजाना सुबह 4 से 8 बजे और शाम को 4 से 8 बजे तक ट्रेनिंग। सुबह उठकर पहले रनिंग करना उसके बाद उठक-बैठक लगाना और रस्सा चढ़ना ट्रेनिंग का अहम पार्ट। हफ्ते में एक बार क्रॉस कंट्री रेस, दो बार जिम, वेट ट्रेनिंग, स्ट्रेचिंग और अखाड़ा खोदना अहम। उपलब्धियां2016 में थाईलैंड में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल 2017 क्रोएशिया में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल 2017 एथेंस में आयोजित कैडेट वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल 2017 वर्ल्ड स्कूल गेम्स में गोल्ड मेडल 2018 अर्जेंटीना में आयोजित वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल 2019 कजाखस्तान में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल 2019 बुल्गारिया में आयोजित कैडेट वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल एक्सपर्ट टिप्सडायट
  • हरियाणा का देसी भोजन के अलावा दूध, दही का नियमित सेवन
  • रोजाना सुबह-शाम बादाम घोंटकर पीना, अंकुरित अनाज और मिक्स दलिया का सेवन
  • हरी सब्जियां, सलाद, मौसमी फल, ड्राइफ्रूट रोजाना लेना जरूरी। अगर मांसाहारी हैं तो अंडे और रेड मीट का सेवन करें
ट्रेनिंग
  • रोजाना रनिंग, उठक-बैठक, रस्सा चढ़ना और दांव लगाने की ट्रेनिंग
  • अपने जोर के पहलवानों के साथ ज्यादा वेट वालों से दांव लगाना
  • हफ्ते में तीन दिन जिम जिसमें अपर और लोअर बॉडी फिटनेस पर ध्यान देना
प्रस्तुति: रौशन झानोट: हम इस कॉलम के तहत 17 साल तक की उम्र के ऐसे खिलाड़ियों से आपको परिचित कराएंगे जिनमें खेलों के मैदान में भविष्य का स्टार बनने का माद्दा है।

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August 10, 2019 at 05:39PM

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