भारत में कोरोना वायरस के मामले पिछले दो महीनों में तेजी से बढ़े हैं। 17 मई की सुबह तक, देश में 2,872 लोगों की मौत हो चुकी थी। कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए नैशनल लेवल पर गाइडलाइंस तय की गई हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां बवाल के चलते शव को दफनाने या अंतिम संस्कार में देरी हुई। लोगों को डर था कि इससे कोरोना फैल जाएगा। फिलहाल अंतिम संस्कारों का जिम्मा ट्रेन्ड प्रोफेशनल्स का है जो PPE किट्स से लैस होते हैं। रिश्तेदारों को भी प्रोटेक्शन के साथ डेड बॉडी को देखने की इजाजत है मगर छूने/चूमने या गले लगाने की नहीं। लोगों में एक गलत धारणा ये बैठी हुई है कि शव के पास रहने से कोरोना इन्फेक्शन हो सकता है। यह पूरी तरह सच नहीं है। शव वायरस कैरियर नहीं है। हां, मरने के बाद शरीर के तरल पदार्थ जैसे सलाइव, खून और बलगम में वायरस हो सकता है। इसीलिए फ्यूनरल को लेकर गाइडलाइंस बनाई गई हैं।
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May 16, 2020 at 06:47PM
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