विजय टैगोर, मुंबई करीब एक सप्ताह पहले ही हमारे सहयोगी अखबार मुंबई मिरर में यह खबर छपी थी कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की इनामी राशि को 50% कम कर दिया है। इस टूर्नमेंट की आठों फ्रैंचाइजियां बोर्ड के इस निर्णय से नाराज हैं और सभी फ्रैंचाइजियों ने आईपीएल गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष बृजेश पटेल को एक लेटर लिखकर साफ-साफ यह कहा है कि इस निर्णय से 'वित्तीय उलझने' बढ़ेंगी। पटेल को यह पत्र शुक्रवार को भेजा गया, जिसमें शाहरुख खान (कोलकाता नाइट राइडर्स), प्रीति जिंटा (किंग्स XI पंजाब), निखिल मेस्वानी (मुंबई इंडियंस), पार्थ जिंदल (दिल्ली कैपिटल्स), काव्या मरान (सनराइजर्स हैदराबाद), संजीव चूरीवाला (रॉयल चैलेंजर्स बैगंलोर), केएस विश्वनाथन (चेन्नै सुपर किंग्स) और रणजीत बरठाकुर (राजस्थान रॉयल्स) के हस्ताक्षर हैं। पिछले सप्ताह बीसीसीआई की ओर से आईपीएल फ्रैंचाइजियों को यह पत्र भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि आर्थिक मंदी के चलते इस सत्र में प्लेऑफ में क्वॉलिफाइ करने वाली चार टीमों को इस बार 50 करोड़ रुपये की जगह 25 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। बीसीसीआई ने इस पत्र में इनाम का जो ब्रेक-अप दिया है, उसके मुताबिक का खिताब जीतने वाली टीम को 10 करोड़ रुपये, उपविजेता टीम को 6.25 करोड़, और तीसरे और चौथे नंबर पर रहने वाली प्रत्येक टीम को 4.37 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। इससे पहले साल 2019 की बात करें तो तब विजेता को 20 करोड़, उपविजेता को 12.5 करोड़, और तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली दोनों टीमों को 8.75 रुपये मिले थे। टीम मालिकों द्वारा भेजे गए इस पत्र में यह भी कहा गया है कि उन्हें इन बदलावों के बारे में तब बताया जा रहा है, जब आईपीएल शुरू होने में सिर्फ 4 सप्ताह का समय बचा है। पत्र में टीम मालिकों की ओर से कहा गया है, 'यह हमारे लिए बहुत देरी है कि हम फिर से अपने वित्तीय मॉडल का हिसाब-किताब बैठाएं और साथ इस प्रस्ताव में जिन बातों को जिक्र है इससे कई महत्वपूर्ण और अप्रत्याशित वित्तीय उलझनें बढ़ेंगी।' इस पत्र की एक कॉपी मुंबई मिरर के पास भी है। टीम मालिकों ने यह भी लिखा, 'प्ले ऑफ की राशि टीमों को एक मजबूत इन्सेंटिव की तरह हुआ करती है, जिसके लिए टीमें अपनी परफॉर्मेंस से लगातार सुधार लाने में लगी रहती हैं। हम सभी यह मानते हैं खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस में होने वाली प्रगति से भारतीय क्रिकेट को भी फायदा हुआ है। हम सभी एकमत होकर यह भी मानते हैं कि प्राइज मनी कट करने का मतलब है आईपीएल की प्रगति में एक कदम पीछे खींचना है।' इसके अलावा टीम मालिकों ने बोर्ड के इस फैसले पर भी सवाल उठाए हैं, जिसमें उन पर राज्य संघ को मैच की मेजबानी करने के लिए 20 लाख रुपये का अतिरिक्त भार डाला गया है। इससे पहले फ्रैंचाइजियां इसके लिए सिर्फ 30 लाख रुपये प्रति मैच का ही भुगतान करती थीं, लेकिन अब वे 50 रुपये प्रति मैच देने की बात कह रहे हैं। मुंबई मिरर ने इस संदर्भ में बीसीसीआई अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी इस कोई कॉमेंट करने से इनकार कर दिया। आईपीएल चेयरमैन पटेल ने मिरर के किसी भी कॉल या मैसेज का उत्तर नहीं दिया। लेकिन मुंबई मिरर को बीसीसीआई सूत्रों से पता चला है, 'सभी फैंचाइजियां केंद्रीय राजस्व से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा कमा रही हैं और ऐसे में उन्हें प्ले ऑफ में पहुंचने पर इनाम के रूप में इतनी ज्यादा रकम देने की कोई जरूरत नहीं है।'
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March 08, 2020 at 04:57PM
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