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वर्ल्ड कपः 45 मिनट, वह एक थ्रो... और टूट गए करोड़ों सपने

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नई दिल्ली क्रिकेट के लीग मुकाबलों में भारतीय बल्लेबाजी के टॉप ऑर्डर ने शानदार खेल दिखाया था। हालांकि, वहीं से इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि अगर शुरू के तीन बल्लेबाज कभी जल्दी आउट हो गए तो क्या होगा? सेमीफाइनल मुकाबले में ठीक यही हुआ। भारत के तीन बल्लेबाज सिर्फ 5 रन के स्कोर पर आउट हो गए और धीरे-धीरे करके मैच भारत से हाथ से निकलने लगा। इसके बावजूद पहले हार्दिक पंड्या फिर रविंद्र जडेजा और महेंद्र सिंह धोनी ने भारत को मैच में बनाए रखा। आखिर के 45 मिनट में एक-एक करके विकेट गिरे और भारत मैच हार गया। 49वें ओवर की पहली गेंद पर धोनी ने छक्का मारा तो लगा कि भारत जीत जाएगा लेकिन मार्टिन गप्टिल के एक सटीक थ्रो ने रही-सही उम्मीदें भी छीन लीं। इस हार के साथ ही भारत का विश्व कप जीतने का सपना टूट गया। आइए भारत की हार के चार प्रमुख कारणों पर नजर डालते हैं:- पहला कारण: टॉप ऑर्डर का फेल होना पूरे टूर्नमेंट में भारतीय बल्लेबाजों ने जमकर रन बनाए थे। हालांकि, इस मैच में पहले पावर प्ले में ही भारत ने अपने शुरुआती बल्लेबाजों को गंवा दिया। एक समय पर भारत का स्कोर 24 रन पर 4 विकेट हो गया। आखिरी बार रोहित शर्मा और विराट कोहली ने चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में एक-एक रन बनाए थे और वहां भी भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था। दूसरा कारण: न्यू जीलैंड की शानदार फील्डिंग लीग मैचों में ओपनर रोहित शर्मा को चार बार जीवन दान मिला था और उन्होंने तीन बार शतक बना डाले। इस मैच में न्यू जीलैंड के कीपर टॉम लेथम ने कोई गलती नहीं की और रोहित शर्मा के बाद के एल राहुल का भी कैच लपका। इसके बाद जेम्स नीशम ने दिनेश कार्तिक का शानदार कैच लपककर मैच में पकड़ बना ली। तीसरा कारण: खराब शॉट चयन ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या अच्छे टच में लग रहे थे और उनके बल्ले से रन भी निकल रहे थे लेकिन स्पिनर मिशेल सैंटनर की बॉल पर छक्का मारने की कोशिश में ये दोनों बल्लेबाज अफना विकेट गिफ्ट में देकर चले गए। चौथा कारण: आक्रामकता दिखाने में देरी रविंद्र जडेजा और धोनी ने 116 रनों की पार्टनरशिप की। विश्व कप में 7वें या उससे निचले क्रम के लिए यह रेकॉर्ड साझेदारी है लेकिन आक्रमण करने में देरी का नतीजा यह हुआ कि भारत को आखिरी 3 ओवर में 37 रन की दरकार हो गई और दबाव काफी बढ़ गया।

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July 10, 2019 at 03:17PM

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