एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी पिता के घर पैदा हुए अंशुल को रनिंग ट्रैक का लाल रंग बचपन से ही लुभाता था। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वह पिता से यह कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे कि वह इसी खेल में अपना मन लगाना चाहते हैं। एक दिन मोहल्ले के पार्क में हुई एक रेस अंशुल ने जीत ली।
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May 24, 2019 at 06:32PM
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