नयी दिल्ली मणिपुर के ज्ञानेंद्रो निंगोंबम को शुक्रवार को निर्विरोध का अध्यक्ष चुना गया जो मोहम्मद की जगह लेंगे जिन्हें राष्ट्रीय खेल संहिता के कार्यकाल के दिशा निर्देशों के उल्लंघन के कारण खेल मंत्रालय ने इस्तीफा देने को कहा था। अहमद को हालांकि यहां हॉकी इंडिया की कांग्रेस और चुनाव में निर्विरोध वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। खेल मंत्रालय का आदेशखेल मंत्रालय ने अहमद को इस्तीफा देने के लिये कहा था चूंकि 2018 में उनका चुनाव राष्ट्रीय खेल कोड के कार्यकाल के दिशा निर्देशों का उल्लंघन था। महासंघ को अध्यक्ष पद के लिये नये सिरे से चुनाव कराने के लिये कहा गया था। राष्ट्रीय खेल कोड के तहत कोई पदाधिकारी लगातार तीन बार पद पर नहीं रह सकता। अहमद 2010 से 2014 तक हॉकी इंडिया के कोषाध्यक्ष रहे। इसके बाद 2014 में महासचिव बने और 2018 में चार वर्ष के लिये अध्यक्ष पद पर चुने गए थे। इस कारण से देना पड़ा इस्तीफाहॉकी इंडिया को 2019 में इसके लिये सूचित किया गया था लेकिन महासंघ का तर्क है कि अहमद कोषाध्यक्ष पद पर हॉकी इंडिया को खेल मंत्रालय से मान्यता मिलने से पहले थे और उसे कार्यकाल निर्धारण में नहीं गिना जा सकता। मंत्रालय ने हालांकि यह दलील खारिज कर दी थी। निंगोंबम दो साल तक पद पर रहेंगे। वह 2009 से 2014 के बीच मणिपुर हॉकी के कार्यकारी अधिकारी भी रहे हैं। अहमद का कार्यकाल ऐसा रहाअहमद के कार्यकाल में हॉकी इंडिया ने 2018 विश्व कप समेत कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों की मेजबानी की। हॉकी इंडिया के महासचिव राजिंदर सिंह ने एक बयान में कहा ,‘मैं ज्ञानेंद्रो निंगोंबम को हॉकी इंडिया का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देता हूं । इसके साथ ही मोहम्मद मुश्ताक अहमद को वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड में लौटने की भी बधाई देता हूं ।’ बैठक में टूर्नामेंटों की बहाली पर भी बात की गई जिसकी शुरूआत 2021 में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप से होगी ।
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November 06, 2020 at 01:14AM
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