कांग्रेस में नेतृत्व (Congress Leadership) का पीढ़ी गत स्थानांतरण कभी भी नैसर्गिक नहीं रहा। इसका सबसे बड़ा कारण पार्टी पर गांधी परिवार की पकड़ रही है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया या राहुल दुर्भाग्यपूर्ण अनहोनी के बाद नेता बने। हालांकि, इस ने मौके भी कई दिए। जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने तो माधवराव सिंधिया, सचिन पायलट मणिशंकर अय्यर जैसे युवा नेता पार्टी में सक्रिय रहे। हालांकि, तब भी विद्याचरण शुक्ल, मोतीलाल वोरा सरीखे नेताओं ने यह निश्चित किया कि सत्ता की चाबी यंग ब्रिगेड (Congress me Old Brigade Vs Youth Brigade) के हाथों में ना जाए। बेलगाम चाटुकार नेताओं के चक्कर में युवा और प्रभावशाली नेता अपनी जमीन नई पार्टी बनाने या फिर दूसरे दलों में खोजने लगे।
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July 13, 2020 at 05:52PM
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