रोशन झा, नई दिल्ली जिन महिला पहलवानों से ओलिंपिक्स मेडल की उम्मीद है उनमें भी शामिल हैं। दिव्या को हालांकि ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करना है लेकिन उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में 68 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड जीतकर उम्मीदें जगा दी हैं। कोरोना संकट के बीच ओलिंपिक्स खेलों को एक साल के लिए टाल दिया गया है और क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट भी हाल-फिलहाल आयोजित होता नहीं दिख रहा है, फिर भी दिव्या अपनी तैयारी में लगी हुई हैं। तैयारी को लेकर गंभीर दिव्या उस भारतीय टीम का हिस्सा हैं जिसे अगले ओलिंपिक्स क्वॉलिफाइंग टूर्नामेंट में देश का प्रतिनिधित्व करना है। तैयारी प्रभावित ना हो इसके लिए उन्होंने लॉकडाउन शुरू होने से कुछ दिन पहले ही कोच के घर के बगल में शिफ्ट हो गईं। उन्होंने बताया, 'तब अपने यहां कोरोना का इतना कहर नहीं था। लेकिन, मुझे पता था कि दुनिया में जहां भी यह फैला है वहां पूरे शहर को ही लॉकडाउन कर दिया जाता है। मैं यही सोचकर देश में लॉकडाउन शुरू होने से करीब चार-पांच दिन पहले अपने भाई के साथ रूसी कोच ब्लामिदिर के घर के बगल में मॉडल टाउन रहने आ गई जिससे कि प्रैक्टिस प्रभावित ना हो।' मैट प्रैक्टिस पर ब्रेक : दिव्या भले ही कोच के घर के बगल में आ गईं लेकिन मैट प्रैक्टिस बिल्कुल नहीं कर पा रही हैं। उन्होंने बताया, 'कोच का आवास दो घर छोड़कर ही है। कभी वह मेरे घर आ जाते हैं तो कभी मैं उनके पास चली जाती हूं। उनकी देखरेख में केवल चिनअप्स, दंड और उठक-बैठक वगैरह ही कर पा रही हूं। मेरा भाई भी पहलवान है। मैं उसके साथ भी मैट प्रैक्टिस करती रही हूं। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से अभी यह बंद है। मैं सबसे अपील करूंगी कि घर में ही रहें।'
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April 07, 2020 at 04:28PM
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