इस सीट से केजरीवाल के उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए बीजेपी के सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपना प्रत्याशी उतारा लेकिन पूर्वांचली वोटर्स की आबादी वाले इस क्षेत्र में जेडीयू के हाथ निराशा लगी। जेडीयू की करारी शिकस्त की वजह पार्टी सिंबल भी माना जा रहा है जिसके चलते जेडीयू का 'तीर' निशाना लगाने से चूक गया।
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February 11, 2020 at 05:17PM
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