पूर्वोत्तर के लोगों के एक बड़े तबके और संगठनों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि यह 1985 में हुए असम समझौते के प्रावधानों को प्रभावहीन कर देगा। यह समझौता 24 मार्च, 1971 के बाद के सभी अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की बात कहता है, भले ही उनका धर्म कुछ भी हो।
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November 30, 2019 at 06:04PM
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