नई दिल्ली दिल्ली सरकार के स्कूलों में बोर्ड क्लासेज पर फोकस करते हुए स्टूडेंट्स को अब की भी स्पेशल टिप्स दी जाएंगी। इसके अलावा, नवंबर से स्टूडेंट्स के लिए खास क्लास रखी जाएंगी, जिनमें स्टूडेंट्स की कमजोरियों पर काम किया जाएगा। इसके लिए 10वीं और 12वीं की अर्धवार्षिक परीक्षाओं के रिजल्ट की समीक्षा करेगा। साथ ही, पहली बार 10वीं के स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम टॉपर्स की आंसर शीट से सिखाया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने बोर्ड में खास परफॉर्मेंस देने वाले स्टूडेंट्स की हर सब्जेक्ट की कॉपियां भी से ली हैं। इंग्लिश, साइंस और मैथ्स पर सबसे ज्यादा फोकस है। शिक्षा निदेशालय ने खासतौर पर 10वीं के स्टूडेंट्स का ध्यान रखते हुए पिछले साल बढ़िया स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स की आंसर शीट को स्कूलों के लिए ऑनलाइन भी कर दिया है, ताकि टीचर्स उन्हें अपलोड कर स्टूडेंट्स को सटीक लिखने की कला सिखा सकें। शिक्षा निदेशालय की ओर से कराए गए पिछले साल के 10वीं के रिजल्ट की समीक्षा मे पाया गया कि टाइम मैनेजमेंट की कमी के अलावा आंसर लिखने के ढंग का पता नहीं होता। इस वजह से शिक्षा निदेशालय ने सीबीएसई ने ऐसी आंसर शीट ली हैं, जो स्कोरर्स की हैं। ये मॉडल आंसर शीट स्कूलों के हेड को भेजी गई हैं और इस हिसाब से भी स्टूडेंट्स को तैयारी करवाई जा रही है। पांचों सब्जेक्ट – मैथ्स, इंग्लिश, हिंदी, साइंस और सोशल साइंस की ये आंसर शीट की कॉपी पिछले सेशन के स्टूडेंट्स की हैं। शिक्षा निदेशालय के अधिकारी ने बताया, कई बार ऐसा होता है कि स्टूडेंट को आंसर तो पता है, मगर उसे सही तरीके से लिखना उसे नहीं आता। स्टेप के भी नंबर होते हैं, जिन्हें बच्चे छोड़ देते हैं, न्यूमेरिकल्स में गलतियां, पेपर के किस हिस्से को पहले करें या सेक्शनक्वेश्चन नंबर/हाइलाइट करने के तरीके पर भी स्टूडेंट्स का ध्यान दिलवाया जाएगा। कम मार्क्स वाले सवाल या ज्यादा मार्क्स वाले सवाल में कैसे जवाब लिखा जाए, इसपर भी प्रैक्टिस करवाई जा रही है। और इतना ही जरूरी है टाइम मैनेजमेंट, जो कई स्टूडेंट्स को नहीं आता। सभी स्कूलों में टीचर्स इस पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं देते, मगर अब इसे ध्यान में रखते हुए स्टूडेंट्स को तैयार किया जा रहा है। ये मॉडल आंसर शीट स्कूलों के लिए ऑनलाइन की गई हैं और टीचर्स इनकी मदद से स्टूडेट्स को लिखने की तकनीक पर प्रैक्टिस करवा रहे हैं। बाहर से बुलाए जा सकते हैं एक्सपर्ट हाल में खत्म हुई अर्धवार्षिक परीक्षा के रिजल्ट का रिव्यू भी जल्द खत्म कर बच्चों की कमजोरियों पर काम किया जाएगा। 10वीं क्लास के लिए मैथ्स, साइंस और इंग्लिश के लिए अलग से प्रिपेरेटरी क्लासें रखने का भी इरादा है। मैथ्स के लिए तो बाहर से एक्सपर्ट भी बुलाए जा सकते हैं। वहीं, 12वीं के लिए मैथ्स, अकाउंटेंसी, इंग्लिश पर फोकस है।
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October 22, 2019 at 05:04PM
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