कोलकाताभारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के 39वां अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व कप्तान ने कहा कि वह नहीं चाहते कि जब वह चीफ के तौर पर अपना कार्यकाल समाप्त करें तो किसी को यह कहने का मौका मिले कि क्रिकेटर सिर्फ मैदान पर ही अच्छा खेल सकते हैं और उनमें कामयाब प्रशासन चलाने का माद्दा नहीं होता। गांगुली क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (कैब ) द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के मौके पर बोल रहे थे। शुक्रवार को हुए इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'जब मैं अपना कार्यकाल समाप्त करूं तो मैं नही चाहता कि कोई यह कहे कि क्रिकेटर सिर्फ पिच पर ही खेल सकते हैं, वह प्रशासनिक काम नहीं कर सकते। कैब के अपने कार्यकाल के दौरान, मैं गर्व से कह सकता हूं कि मुझे किसी दबाव का सामना नहीं करना पड़ा। मेरे अध्यक्ष बनने के बाद आप बोर्ड से विश्वसनीयता की उम्मीद कर सकते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष बनने की उम्मीद नहीं थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी पूरा क्षमता से इस पद पर काम करेंगे। गांगुली ने कहा, 'मेरे लिए यह बहुत-बहुत खास है। जब मैंने खेलना शुरू किया तो कभी नहीं सोचा था कि एक दिन टीम की कप्तानी करूंगा लेकिन ऐसा हुआ। उसके बाद मैं कैब का अध्यक्ष बना और अब बीसीसीआई का अध्यक्ष हूं। कई बार मैं खुद से पूछता हूं कि क्या मैं वाकई इतना अच्छा हूं। मैंने बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बारे में कभी नहीं सोचा था लेकिन ऐसा हुआ।' उन्होंने कहा, 'मेरे लिए सबसे अच्छी बात यह है कि मैं लोगों को यह यकीन दिलाने में समर्थ रहा कि मैं इसके काबिल हूं। मुझे जो भी करने का मौका मिलेगा मैं अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा। मैं वही करूंगा जो मेरा दिल कहेगा और जो भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा होगा। जब मैं भारतीय टीम का कप्तान बना तो वह खेल के लिए मुश्किल समय था और अब जब मैं बीसीसीआई का अध्यक्ष बना हूं तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए मुश्किल वक्त था। यह देखना अच्छी बात है कि जब भी कठिन समय होता है तो मेरा नाम सामने आता है।'
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October 26, 2019 at 07:09PM
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