चेन्नै भारतीय कप्तान का मानना है कि भविष्य में होने वाली घरेलू सीरीज के लिए को पांच टेस्ट स्थलों का चयन करना चाहिए जैसा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शीर्ष टीमों के दौरे पर होता है। इस पर छोटे टेस्ट स्थलों ने आपत्ति जाहिर की है। एक तरफ बीसीसीआई की कोशिश है कि क्रिकेट को पूरे भारत में दिखाया जाए। साल 2000 की शुरुआत से, जब बीसीसीआई के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया थे, बोर्ड ने 10 टेस्ट सेंटर पॉलिसी की शुरुआत की थी। बाद में यह नीति अनुराग ठाकुर के समय में बदली और तब तथाकथित छोटे स्थलों को भी टेस्ट की मेजबानी मिली। साल 2016 के बाद से रांची, धर्मशाला, विशाखापत्तनम, राजकोट और पुणे टेस्ट मैचों की मेजबानी कर रहे हैं और वहां की सुविधाएं भी टॉप क्लास हैं। मोहाली, अहमदाबाद, कानपुर, हैदराबाद और नागपुर को देश के पारंपरिक टेस्ट सेंटर में गिना जाता है, जहां पिछले कुछ साल में बड़े मैच भी आयोजित किए गए। पढ़ें, बीसीसीआई के पूर्व सचिव सौराष्ट्र के निरंजन शाह ने भारत जैसे बड़े देश में यह व्यवहारिक नहीं लगता। शाह ने कहा, 'टेस्ट को आप देश के 5 शहरों तक कैसे सीमित कर सकते हो? हमारे और भी बहुत शहर हैं जहां इस खेल को लेकर काफी जुनून है। यह जरूरी है कि टेस्ट को केवल 5 स्थलों तक सीमित नहीं रखा जाए।' पंजाब क्रिकेट असोसिएशन के कोषाध्यक्ष आरपी सिंगला ने कहा कि यह सच्चाई है कि टेस्ट मैचों को देखने के लिए कम लोग आते हैं। उन्होंने कहा, 'टेस्ट के लिए लोग कहां हैं? साल भर में काफी क्रिकेट खेला जा रहा है और फैंस के बीच भी इसे लेकर परेशानी होती होगी। मोहाली एक बड़ा टेस्ट स्थल है। जो भी स्थल टेस्ट मैच आयोजित करते हैं, उन्हें दर्शक भी मिलने चाहिए।' बड़ौदा क्रिकेट असोसिएशन के पूर्व अधिकारी ने कहा कि देश में डे-नाइट टेस्ट मैचों के आयोजन की संभावना पर एक बार फिर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डे-नाइट टेस्ट मैचों से ज्यादा दर्शक स्टेडियम में नजर आ सकते हैं। पढ़ें, इससे पहले रांची में टेस्ट के दौरान मैदान में दर्शकों की कमी के बारे में पूछे जाने पर भारतीय कप्तान ने कहा, ‘यह अच्छा सवाल है। हम काफी समय से इस बारे में चर्चा कर रहे है। मेरा मानना है कि टेस्ट मैचों के पांच स्थल होने चाहिए। अगर आप टेस्ट क्रिकेट को जीवंत और रोचक बनाए रखना चाहते है तो मैं इस बात को लेकर पूरी तरह से सहमत हूं कि अधिक से अधिक पांच टेस्ट स्थल होने चाहिए। यह इतने अधिक जगह पर नहीं होना चाहिए जहां कम लोग मैच देखने पहुंचते है या नहीं आते है।’ कोहली के इस सुझाव को बीसीसीआई के निर्वाचित अध्यक्ष विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा होने से भारत दौरे पर आने वाली टीमों को भी फायदा होगा जिन्हें पता होगा कि उन्हें इन्हीं पांच जगहों में से कहीं टेस्ट खेलना होगा।’ कोहली ने यह नहीं बताया कि वे कौन से पांच टेस्ट स्थल होने चाहिए लेकिन माना जा रहा है कि वे चाहते हैं कि मुंबई, कोलकाता, चेन्नै, दिल्ली और बेंगलुरु पांच मुख्य टेस्ट स्थल रहें। बता दें कि बड़ी टीमों के दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया में मेलबर्न, सिडनी, पर्थ, ब्रिसबेन और एडिलेड पांच टेस्ट स्थल हैं। इसी तरह बड़ी टेस्ट सीरीज (एशेज / भारत) के लिए इंग्लैंड में लॉर्ड्स, ओवल, ट्रेंट ब्रिज, ओल्ड ट्रैफर्ड, एजबेस्टन, साउथैम्प्टन और हेडिंग्ले मुख्य टेस्ट स्थल हैं।
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October 22, 2019 at 05:55PM
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