पहले अफसर रिटायरमेंट के बाद राजनीति में कदम रखने की सोचते थे। कहा जाता था कि उन्होंने अपनी नौकरी के दौरान पॉलिटिक्स को बहुत करीब से देखा होता है। ऐसे में एक नेता का ग्लैमर उन्हें इस रास्ते पर चलने को प्रेरित करता है। अब इसमें बदलाव आया है। अफसरों को राजनीति इस कदर भाने लगी है कि उन्हें इसके लिए अपनी नौकरी छोड़ने से भी संकोच नहीं है। हाल का सबसे बड़ा उदाहरण हैं 2010 बैच के आईएएस टॉपर शाह फैसल। अफसर से नेता बने ऐसे ही कुछ चेहरों पर पूनम पांडेय की रिपोर्ट:
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March 23, 2019 at 08:19PM
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