आम चुनावों के दौरान राजनीतिक विज्ञापनों के नियम कड़े करेगा फेसबुक - Latest News, Breaking News, National News, World News, India News - NewsStone18

Latest News, Breaking News, National News, World News, India News - NewsStone18

Information to Everyone

PopAds.net - The Best Popunder Adnetwork

Post Top Ad

PopAds.net - The Best Popunder Adnetwork

आम चुनावों के दौरान राजनीतिक विज्ञापनों के नियम कड़े करेगा फेसबुक

Share This
फेसबुक ने बुधवार को कहा कि वह भारत जैसे देशों में जहां आम चुनाव होने वाले हैं राजनीतिक विज्ञापनों के लिए नियम कड़े करेगा. कंपनी ने कहा है कि अमेरिका, ब्रिटेन और ब्राजील में राजनीतिक विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के उसके प्रयास पहले से ही चल रहे हैं. भारत में आम चुनाव इस साल पहली छहमाही में होंगे. फेसबुक ने इस मामले में एक के बाद एक कई गड़बड़ियां और घोटाले सामने आने के बाद नियमों में सख्ती की बात की है. सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपने विज्ञापन पृष्ठ पर डाली गई एक पोस्ट में कहा है, ‘इस साल दुनिया भर में कई जगह आम चुनावों की तैयारियां चल रही है. हम बाहरी हस्तक्षेप को रोकने पर लगातार ध्यान दे रहे हैं. हमारे प्लेटफॉर्म पर जो भी विज्ञापन होगा उसमें लोगों को अधिक सूचना दी जाएगी.’ कंपनी ने कहा है कि भारत में फेसबुक एक विज्ञापन लाइब्रेरी शुरू करेगा और आम चुनावों से पहले विज्ञापनों की पुष्टि का नियम लागू करेगा. चुनाव अप्रैल-मई तक हो सकते हैं. कंपनी का कहना है कि अमेरिका, ब्रिटेन और ब्राजील में राजनीतिक विज्ञापन देने वालों को विज्ञापन जारी होने से पहले अपनी पूरी पहचान और स्थान के बारे में पुष्टि अनिवार्य की गयी है. इन विज्ञापनों को सात साल के लिए सग्रहीत कर दिया जाता है जिसे कोई भी देख सकता है. फेसबुक ने कहा है कि नाइजीरिया और उक्रेन में कोई भी विदेशी चुनावी विज्ञापन स्वीकार नहीं किया जाएगा. यूरोपीय संघ में मई में यूरोपीय संसद के लिए होने वाले चुनावों में कंपनी ‘पारदर्शिता उपाय’ जारी करेगी. कंपनी ने कहा है कि जून के अंत तक इन उपायों को वह दुनियाभर के विज्ञापनदाताओं के लिए उपलब्ध करा देगी. फेसबुक ने पिछले साल इस बात को स्वीकार किया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिये काम करने वाले राजनीतिक क्षेत्र की कंपनी केंब्रिज एनालिटिका ने उसके लाखों उपयोगकर्ताओं से जुड़ी जानकारी को चुरा लिया था. ब्रिटेन में बेक्जिट मतदान की आलोचना करने वाले लोगों का भी कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने चुराये गये इन आंकड़ों को इस्तेमाल ‘ईयू को छोड़ने’ की दिशा में मतदान करवाने के लिए भी किया.
https://ift.tt/eA8V8J
from Latest News टेक्नोलॉजी Firstpost Hindi http://bit.ly/2MffkXb

January 16, 2019 at 07:01AM

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

PopAds.net - The Best Popunder Adnetwork